CHHAAVA MOVIE में क्या पूर्णतः सत्य दिखाया गया है या नहीं ।

CHHAAVA MOVIE में क्या पूर्णतः सत्य दिखाया गया है या नहीं ।

CHHAAVA : CHHAAVA MOVIE में क्या पूर्णतः सत्य दिखाया गया है या नहीं ।

यह प्रश्न इसलिए उठ रहा है क्योंकि किसी ने पूर्ण रूप से अपना इतिहास पढ़ा ही नहीं है । आज फिल्मों के माध्यम से हम अपने इतिहास को जान पा रहे है ।

CHHAAVA movie में छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में दिखाया गया है । CHHAAVA movie में दिखाया गया है छत्रपति शिवाजी महाराज के बाद मुगलों में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है । वो सोचते है कि अब उन्हें रोकने के लिए अब कोई नहीं है और अब उन्हें किसी का डर नहीं है।

तभी छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे छत्रपति संभाजी महाराज मुगलों को ललकारते हुए कहते है , कि शेर नहीं है तो क्या हुआ शेर का CHHAAVA अभी जीवित है ।

CHHAAVA का अर्थ है “शेर का बच्चा”

CHHAAVA

CHHAAVA movie में दिखाया गया है कि किस प्रकार छत्रपति संभाजी महाराज ने बहादुरी से मुगलों का सामना किया और उन्हें हराया । और फिर इस मूवी में दिखाया गया है कि किस प्रकार धोखे से औरंगजेब छत्रपति संभाजी महाराज को पकड़ लेता है ।

और उन पर यातनाओं की बारिश कर देता है । जो इतनी भयंकर थी कि पूर्ण रूप से उसे सोच पाना ही दुष्कर हो जाता है । क्योंकि औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को बड़ी यातनाओं से परेशान किया परन्तु छत्रपति संभाजी महाराज झुके नहीं ।

औरंगजेब चाहता था कि छत्रपति संभाजी महाराज अपना धर्म परिवर्तन कर ले क्योंकि क्रूर शासक औरंगजेब यही करता था वह जोर जबरदस्ती से लोगों के धर्म परिवर्तन करके उन्हें मुस्लिम बनाया करता था।

लेकिन छत्रपति संभाजी महाराज ने कई यातना सह कर भी इस्लाम धर्म स्वीकार करने से मना कर दिया तो औरंगजेब ने यातनाएं को और भी बड़ा दिया ।

यातनाओं का कहर

आइए एक छोटी सी नजर डालते है छत्रपति संभाजी महाराज की यातनाओं पर ।

कहा जाता है छत्रपति संभाजी महाराज की यातनाओं को और कोई सहना तो छोड़ो सिर्फ सुन ले तो कांप जाएगा।

छत्रपति संभाजी महाराज को दर्द देने के लिए औरंगजेब ने उनके नाखूनों को उनके हाथों से उचेल दिया गया उनके शरीर पर कई घावों किए गए जिनपर नमक लगा दिया जाता था । उनकी कई हड्डियों को तोड़ा गया लेकिन छत्रपति संभाजी महाराज अपने स्थान से डिगे ही नहीं ।

औरंगजेब यही तक रुका नहीं बल्कि उसने उनकी आंखों को जो की झुकने का नाम नहीं लेती है उनपर गर्म शरिया से फोड़ने का हुक्म दे डाला लेकिन गर्म सलाखों को देखते हुए भी छत्रपति संभाजी महाराज की आंखे झुकी नहीं ।

ये थी उनकी वीरता । इसलिए औरंगजेब छत्रपति संभाजी महाराज से कहता हैं अगर तुम्हारे जैसा मेरा कोई बेटा होता तो मैं सारा जहां जीत लेता ।

लेकिन शेर का बच्चा सिर्फ शेर के यहां ही पैदा होता है । हमारे छत्रपति शिवाजी महाराज शेर है और छत्रपति संभाजी महाराज शेर के बच्चे।

औरंगजेब ने महाराज पर यातनाओं के कहर को और भी बड़ा दिया । CHHAAVA movie में यही तक दिखाया गया है क्योंकि इससे अधिक देख पाना बड़ा ही मुश्किल है क्योंकि औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज पर क्रूरता की सारी हदों को पार कर दिया था ।

आगे की बात करते हुए ही मन घबरा उठता है । CHHAAVA मूवी में उठना ही दिखाया गया है जितना हम देख सकते है । इसलिए कहते है यह स्वतंत्रता बड़े नसीबों से मिली है मेरे भाइयों यह तिलक जो हम अपने माथे पर लगा पा रहे है वह इन महान आत्माओं की देन है ।

यह था छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में कुछ जानकारी जो CHAAVA movie में दिखाई गई है

आइए तो ऐसे महान आत्माओं की शान में एक जयकारा हो जाए

“छत्रपति शिवाजी महाराज की जय हो”

“छत्रपति संभाजी महाराज की जय हो”

CHHAAVA

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